Depression
डिप्रेशन क्या हे ?
डिप्रेशन एक ऐसी मन की
अवस्था हे या बीमार हे जहा एक ब्यक्ति अस्वाभाबिक से दुखी होना या एक ब्यक्ति अपने आप खुद की मन की अवस्था को उन्नत करने में अक्षम। पुरे दुनया में ये बीमार एक महामारी होने के लिए जा रहा हे। दुनया भर के हिसाब से सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वाला ब्यक्ति इस बीमार के सीकर होते हे। ये मानसिक बीमार दुनया के बर्तमानं 4th स्थान में हे और 2020 तक ये 2nd स्थान तक आ जायेगा। पुरे दुनया के 20 या 15 % लोग जीवन के किसी भी समय में इस बीमार के शिकार होने का संभावना हे। 10 से 12 % पुरुष और 20 से 25 % औरत इस बीमारी का शिकार होते हे। ये बीमार ब्यक्ति के काम करने का समता को खतम कर देता हे। समाज में हो रहे अंन्याय और युधो , हिंसा आदि के कारण हजार हजार लोग इस भयानक बीमारी के शिकार हो रहे हे। हमरे सेना और पुलिस के अंदर ये आत्महत्या और डिप्रेशन का संख्या बढ़ने लगा हे। हमें इस बीमारी से सामना करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। डिप्रेशन शरीर के बाकि बीमार की तरह चिकित्शा करने से ठीक होता हे।
डिप्रेशन एक शरीर के बीमार हे-
हम सब इसको एक मानसिक बीमार कहते हे , असल में ये एक शरीर का बीमार हे। लेकिन इस के लिए हमारे शरीर के कौन से अंश सम्बोंधित हे ये हम नहीं जानते। लेकिन डिप्रेशन के कारण हमरे दिमाग में सेरोटोनिन और नोरएपिनेफ्रीन की कमी होने लगते हे। दवाई की मदत से ये दो एंजाइम की मात्रा शरीर में बड़ा भी जा सकता हे।
आप के अस पास के लोग इस बीमार की शिकार हो सकते हे। अगर निसे दिए गए लक्षण में कोई भी लक्षण किसी ब्यक्ति में दिखे तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास ले जाए।
1 डिप्रेशन एक मन की अवस्था हे। जीवन की सारी खुशिया खो जाता हे।
2 . अपने परिवार प्यार खतम हो जाना।
3. भूख नहीं लगना और वजन कम होना।
4. अकेले रहना या बेवजा रोना।
5. काम करने का समता खो देना और ज्यादा थकना।
6. नींद नहीं आना और ज्यादा डरावने सपने देखना।
7. परिवार और अपने दोस्तो से दूर रहना।
8. बीमार होने का और अपने सम्मान जाने का दर।
9. लोगो के साथ बात करना और हमेशा फिल्म या टीवी देखने का मन नहीं करना।
10. अपने PAST को लेकर हमेशा दुखी होना।
11. आत्महत्या करने का सिंता या कोशिश करना।
कभी कभी डिप्रेशन निर्णय करना बोहोत मुश्किल हो जाता हे क्योकि इस बीमार की शिकार होने वाला ब्यक्ति को उसके परिवार या DOCTOR उस ब्यक्ति के शारीरिक लक्षण को ज्यादा गुरूत्व देते हे लेकिन यह एक मन की अवस्था हे।
बचपन में डिप्रेशन के लक्षण -
1. ज्यादा गुस्सा करना या ज्यादा रोना।
2. अचानक से सिल्लना।
3. स्कूल न जाना।
4. भूक ,नींद और वजन कम होना।
5. घर से भाग जाने की कोशिस करना।
डिप्रेशन बीमार की चिकित्शा -
दुनया में डिप्रेशन की चिकित्शा के लिए ब्यवहार करने वाले दवाई भारत के हर छोटी बरी शहर में पाया जाता हे। कोई भी ब्यक्ति इस बीमार का शिकार हो सकता हे। डिप्रेशन के लिए जो दवाई खाया जाता हे वो काम करने में 2 या 3 सप्ताह लगता हे। ये दवाई 3 से 6 महीने ही लेना साहिये। लेकिन कभी कभी इससे ज्यादा दिनों तक भी दवाई लेना पर सकता हे। बीमार ठीक होने के बाद भी 4 या 5 महीने तक दवाई लेना जरूरी हे। ये बीमार सब को एक जैसी नहीं होती हे इसलिए इसकी दवाई भी अलग अलग होता हे।

अवस्था हे या बीमार हे जहा एक ब्यक्ति अस्वाभाबिक से दुखी होना या एक ब्यक्ति अपने आप खुद की मन की अवस्था को उन्नत करने में अक्षम। पुरे दुनया में ये बीमार एक महामारी होने के लिए जा रहा हे। दुनया भर के हिसाब से सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वाला ब्यक्ति इस बीमार के सीकर होते हे। ये मानसिक बीमार दुनया के बर्तमानं 4th स्थान में हे और 2020 तक ये 2nd स्थान तक आ जायेगा। पुरे दुनया के 20 या 15 % लोग जीवन के किसी भी समय में इस बीमार के शिकार होने का संभावना हे। 10 से 12 % पुरुष और 20 से 25 % औरत इस बीमारी का शिकार होते हे। ये बीमार ब्यक्ति के काम करने का समता को खतम कर देता हे। समाज में हो रहे अंन्याय और युधो , हिंसा आदि के कारण हजार हजार लोग इस भयानक बीमारी के शिकार हो रहे हे। हमरे सेना और पुलिस के अंदर ये आत्महत्या और डिप्रेशन का संख्या बढ़ने लगा हे। हमें इस बीमारी से सामना करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। डिप्रेशन शरीर के बाकि बीमार की तरह चिकित्शा करने से ठीक होता हे।
डिप्रेशन एक शरीर के बीमार हे-
हम सब इसको एक मानसिक बीमार कहते हे , असल में ये एक शरीर का बीमार हे। लेकिन इस के लिए हमारे शरीर के कौन से अंश सम्बोंधित हे ये हम नहीं जानते। लेकिन डिप्रेशन के कारण हमरे दिमाग में सेरोटोनिन और नोरएपिनेफ्रीन की कमी होने लगते हे। दवाई की मदत से ये दो एंजाइम की मात्रा शरीर में बड़ा भी जा सकता हे।
आप के अस पास के लोग इस बीमार की शिकार हो सकते हे। अगर निसे दिए गए लक्षण में कोई भी लक्षण किसी ब्यक्ति में दिखे तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास ले जाए।
1 डिप्रेशन एक मन की अवस्था हे। जीवन की सारी खुशिया खो जाता हे।
2 . अपने परिवार प्यार खतम हो जाना।
3. भूख नहीं लगना और वजन कम होना।
4. अकेले रहना या बेवजा रोना।
5. काम करने का समता खो देना और ज्यादा थकना।
6. नींद नहीं आना और ज्यादा डरावने सपने देखना।
7. परिवार और अपने दोस्तो से दूर रहना।
8. बीमार होने का और अपने सम्मान जाने का दर।
9. लोगो के साथ बात करना और हमेशा फिल्म या टीवी देखने का मन नहीं करना।
10. अपने PAST को लेकर हमेशा दुखी होना।
11. आत्महत्या करने का सिंता या कोशिश करना।
कभी कभी डिप्रेशन निर्णय करना बोहोत मुश्किल हो जाता हे क्योकि इस बीमार की शिकार होने वाला ब्यक्ति को उसके परिवार या DOCTOR उस ब्यक्ति के शारीरिक लक्षण को ज्यादा गुरूत्व देते हे लेकिन यह एक मन की अवस्था हे।
बचपन में डिप्रेशन के लक्षण -
1. ज्यादा गुस्सा करना या ज्यादा रोना।
2. अचानक से सिल्लना।
3. स्कूल न जाना।
4. भूक ,नींद और वजन कम होना।
5. घर से भाग जाने की कोशिस करना।
डिप्रेशन बीमार की चिकित्शा -
दुनया में डिप्रेशन की चिकित्शा के लिए ब्यवहार करने वाले दवाई भारत के हर छोटी बरी शहर में पाया जाता हे। कोई भी ब्यक्ति इस बीमार का शिकार हो सकता हे। डिप्रेशन के लिए जो दवाई खाया जाता हे वो काम करने में 2 या 3 सप्ताह लगता हे। ये दवाई 3 से 6 महीने ही लेना साहिये। लेकिन कभी कभी इससे ज्यादा दिनों तक भी दवाई लेना पर सकता हे। बीमार ठीक होने के बाद भी 4 या 5 महीने तक दवाई लेना जरूरी हे। ये बीमार सब को एक जैसी नहीं होती हे इसलिए इसकी दवाई भी अलग अलग होता हे।
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